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फिस्टुला एक असहज स्थिति है जो तब पैदा होती है जब शरीर के किसी अंग में असामान्य मार्ग बन जाता है। यह आमतौर पर गुदा (गुदा) के आसपास होता है और मलाशय को त्वचा की सतह से जोड़ता है। फिस्टुला के कारण मवाद या पस का लगातार रिसाव होता है, जिससे जलन, खुजली और असुविधा होती है।जबकि फिस्टुला का इलाज करने का सबसे आम तरीका सर्जरी है, कई लोग प्राकृतिक उपचारों की ओर रुख करते हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप यह समझे कि प्राकृतिक उपचार पारंपरिक चिकित्सा का विकल्प नहीं हैं।
फिस्टुला के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
1.गुदा के आसपास एक या एक से अधिक छोटे छेद
2.लगातार निकलने वाला मवाद या पस
3.गुदा क्षेत्र में जलन और खुजली
4.गुदा क्षेत्र में दर्द, खासकर मल त्याग करते समय
5.गुदा क्षेत्र में सूजन
6.मल असंयम (मल रोकने में कठिनाई)
यदि आपको फिस्टुला का संदेह है, तो डॉक्टर से निदान और उपचार के लिए जल्द से जल्द संपर्क करना महत्वपूर्ण है.
फिस्टुला कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
1. संक्रमित गुदा ग्रंथियां:
यह फिस्टुला का सबसे आम कारण है। गुदा ग्रंथियां बलगम पैदा करती हैं जो मल को आसानी से गुजरने में मदद करती हैं। ये ग्रंथियां कभी-कभी संक्रमित हो सकती हैं, जिससे फोड़ा बन सकता है। फोड़ा फटने के बाद, यह त्वचा की सतह पर एक मार्ग बना सकता है, जिससे फिस्टुला बन जाता है।
2. क्रोहन रोग:
यह एक सूजन आंत्रीय रोग (IBD) है जो पाचन तंत्र में सूजन का कारण बनता है। क्रोहन रोग फिस्टुला का एक कम आम कारण है।
3. विदेशी वस्तु:
गुदा में किसी विदेशी वस्तु के फंसने से भी फिस्टुला हो सकता है।
फाइबर युक्त आहार खाने से मल त्याग आसान हो सकता है और फिस्टुला के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, खूब पानी पीना भी महत्वपूर्ण है, जो मल को नरम रखने में मदद करता है।
2. सिट बाथ:
गर्म सिट बाथ लेने से गुदा क्षेत्र में सूजन और जलन कम हो सकती है। ऐसा करने के लिए, गर्म (गर्म नहीं) पानी से भरे टब में 10-15 मिनट के लिए बैठें। आप दिन में कई बार सिट बाथ ले सकते हैं।
3. गर्म सेंप (सेक):
गर्म सेंप (सेक) को सीधे फिस्टुला पर लगाने से भी दर्द और सूजन कम हो सकती है। गर्म सेंप बनाने के लिए, एक साफ कपड़े को गर्म (गर्म नहीं) पानी में भिगोएं और अतिरिक्त पानी निचोड़ दें। फिर, गर्म सेंप को 10-15 मिनट के लिए फिस्टुला पर लगाएं। आप दिन में कई बार गर्म सेंप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. आराम:
पर्याप्त आराम करना फिस्टुला को ठीक होने में मदद कर सकता है। इससे सूजन कम करने और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
5. कब्ज से बचाव:
कब्ज से बचने के लिए उपाय करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मल त्याग करने में परेशानी हो सकती है और फिस्टुला के लक्षण बिगड़ सकते हैं। ऐसा करने के लिए, उपरोक्त सलाह का पालन करें, जिसमें फाइबर युक्त आहार खाना और खूब पानी पीना शामिल है। इसके अलावा, आप मल त्याग को रोकने से बचें और जब भी आपको लगे कि मल त्याग करना है, तो देरी न करें।
6. जीवनशैली में बदलाव:
धूम्रपान करने से बचना और शराब का सेवन सीमित करना फिस्टुला के उपचार में सहायक हो सकता है। धूम्रपान और शराब का सेवन घाव भरने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है और संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है।
7. आयुर्वेदिक उपचार:
कुछ आयुर्वेदिक उपचार फिस्टुला के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इन उपचारों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
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