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स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए प्राकृतिक उपाय आजकल की जीवनशैली में अनियमित खानपान, तनाव और बुरी आदतों के कारण अनेक स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। इनमें से एक मुख्य समस्या है फेटी लिवर रोग, जिसका इलाज आयुर्वेदिक दृष्टि से संभव है। फेटी लिवर रोग का इलाज आयुर्वेद में विभिन्न प्राकृतिक औषधियों और उपचारों के माध्यम से किया जाता है। यहाँ हम इस रोग के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानेंगे।
फेटी लिवर रोग कारण और लक्षण:
फेटी लिवर रोग एक सामान्य समस्या है जिसमें लिवर के कोशिकाओं में वसा इकट्ठा हो जाता है। यह समस्या अनेक कारणों के कारण हो सकती है, जैसे कि अधिक अल्कोहल सेवन, अनियमित खानपान, अत्यधिक वजन, डायबिटीज, थायराइड, अनियमित जीवनशैली, लंबे समय तक दवाओं का सेवन इत्यादि। फेटी लिवर रोग के लक्षणों में थकान, पेट में बढ़ती चर्बी, पेट में दर्द, पेट में सूजन, जिल्लात्मक दर्द, त्वचा की खराबी, और थकान शामिल हो सकती हैं।
आयुर्वेदिक उपचार:
1.प्राकृतिक आहार:
फेटी लिवर रोग के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्राकृतिक आहार है। अल्कोहल, जंक फूड, तला हुआ खाना, और तेलीय चीजें खाना बंद करें और अधिक सब्जियों, फलों, दालों, अंकुरित अनाज का सेवन करें।
2.औषधियां:
आयुर्वेद में कई औषधियां हैं जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं। आमला, गुड़मार, भूमि आमला, पुनर्नवा, और कुटकी जैसी जड़ी-बूटियां लिवर की साफ़ाई में मदद करती हैं और उसकी क्षमता को बढ़ाती हैं।
3.प्राणायाम और योग:
नियमित ध्यान, प्राणायाम, और योग भी फेटी लिवर रोग के इलाज में सहायक हो सकते हैं। योगासन जैसे पस्चिमोत्तानासन, धनुरासन, भुजंगासन, और त्रिकोणासन लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
4. प्रतिदिन का संचार:
अल्कोहल का अधिक सेवन, अनियमित खानपान, मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, या अन्य गलत आहार आदि। फेटी लिवर के लक्षण में पेट में भारीपन, थकान, चक्कर आना, उल्टी, पेट में दर्द आदि शामिल हो सकते हैं।
आयुर्वेदिक इलाज प्राकृतिक उपाय:
1. हरिद्रा (हल्दी):
हल्दी में मौजूद कुरकुमिन लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और लिवर के इंजमेशन को कम करता है। रोजाना हल्दी का सेवन करने से फेटी लिवर में सुधार हो सकता है।
2. अमला:
अमला लिवर के लिए बहुत उपयुक्त होता है। इसमें विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है, जो लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है और फेटी लिवर को ठीक करने में मदद करती है।
3. पुनर्नवा:
पुनर्नवा रस भरपूर मात्रा में लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और फेटी लिवर के इलाज में सहायक होता है।
4. कटुकी (कड़वा चिरायता):
कटुकी में विशेष गुण होते हैं जो लिवर को साफ़ करने में मदद करते हैं और फेटी लिवर को ठीक करने में सहायक होते हैं।
5. नीम:
नीम में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो लिवर की स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और फेटी लिवर को ठीक करने में मदद करते हैं।
अन्य सावधानियाँ और सुझाव
1. नियमित व्यायाम करें और विशेषज्ञ की सलाह लें।
2.अपने आहार में सेहतप्रद आहार शामिल करें, जैसे कि सब्जियां, फल, अनाज, दालें आदि।
3.अल्कोहल, तंबाकू और जंक फ़ूड से दूर रहें।
4.अपने डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से इलाज कराएं।
फेटी लिवर रोग का आयुर्वेदिक इलाज समय लगता है, लेकिन संवेदनशीलता और नियमितता के साथ, यह समस्या पूरी तरह से सुधार सकती है। यदि आप फेटी लिवर रोग के शिकार हैं, तो कृपया एक विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें और उनके द्वारा बताए गए उपायों का पालन करें। ध्यान दें, स्वास्थ्य ही धन है, और इसे बनाए रखने के लिए नियमित चिकित्सा और आहार में संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है।
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